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शीतकालीन सत्र से पहले विधायकों ने भेजे 600 से अधिक प्रश्न

➤ शीतकालीन सत्र के लिए विधायकों के 600 से अधिक प्रश्न विधानसभा सचिवालय पहुंचे
➤ अधिकांश प्रश्न आपदा प्रबंधन, राहत कार्यों, भूस्खलन और क्षतिग्रस्त सड़कों से जुड़े
➤ सत्र में सत्ता पक्ष–विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक और गहन बहस की संभावना


हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले विधायकों की ओर से 600 से अधिक प्रश्न विधानसभा सचिवालय को प्राप्त हो चुके हैं। सभी प्रश्न ऑनलाइन माध्यम से भेजे गए हैं और इन्हें संबंधित विभागों को जवाब तैयार करने के लिए प्रेषित किया जा रहा है। सत्र 26 नवंबर से 5 दिसंबर तक तपोवन, धर्मशाला में आयोजित होगा। यह अभी तक का सबसे लंबा शीतकालीन सत्र माना जा रहा है, जिसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पूरी तैयारी में जुटे हैं।

विधानसभा सचिवालय के अनुसार, अधिकतर प्रश्न आपदा प्रबंधन, राहत कार्यों, भूस्खलन, भारी बारिश के नुकसान, राहत पैकेज वितरण और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत से संबंधित हैं। बीती बरसात में प्रदेश को भारी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते विधायक अपने-अपने क्षेत्रों के मुद्दे ज़ोरदार तरीके से सदन में उठाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा सड़क, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली आपूर्ति और अवैध खनन से जुड़ी शिकायतों पर भी कई प्रश्न लगाए गए हैं। कानून-व्यवस्था, ट्रैफिक और ड्रग्स से जुड़े मुद्दे भी इस सत्र में प्रमुख रहेंगे।

सत्र के दौरान राजनीतिक गर्माहट भी उभरने की पूरी संभावना है। विपक्ष ने पहले ही संकेत दिए हैं कि वह सरकार को आपदा प्रबंधन, वित्तीय स्थिति और विकास कार्यों की धीमी रफ्तार पर घेरने के लिए पूरी रणनीति के साथ पहुंचेगा। दूसरी ओर सत्ता पक्ष कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों और राहत कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन को सदन में मजबूती से रखने की तैयारी में है। ऐसे में सत्र में तीखी नोकझोंक और गहन बहस तय मानी जा रही है।

विधानसभा सचिवालय ने विधायकों को 19 नवंबर रात 11:59 बजे तक तारांकित और अतारांकित प्रश्न भेजने की अंतिम तिथि निर्धारित की है। अंतिम तिथि नजदीक आने के साथ ही सचिवालय में प्रश्नों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि कुल प्रश्नों का आंकड़ा 700 के पार भी जा सकता है।